जन्म : २८ नवंबर १९६५ को झुँझनू, राजस्थान में
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सुशीला
शिवराण (श्योराण) |
शिक्षा : बी.कॉम. (दिल्ली विश्वविद्यालय), बी.एड.- (मुम्बई विश्वविद्यालय), एम.ए. (राजस्थान विश्वविद्यालय)।
कार्यक्षेत्र- अध्यापन एवं हिन्दी साहित्य, कविता पठन एवं लेखन। पिछ्ले २० वर्षों से अध्यापन के क्षेत्र में। मुंबई और कोच्ची में नेवल पब्लिक स्कूल, बिरला पब्लिक स्कूल, पिलानी, डी.ए.वी. गुड़गाँव से अपनी शिक्षण-यात्रा करते हुए आजकल सनसिटी वर्ल्ड स्कूल, गुड़गाँव में अध्यापनरत। इसके अतिरिक्त खेलों एवं भ्रमण में रुचि। कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।
१)
तुंग शिखर
तिरते हैं बादल
ज्यों पाखी दल
२)
तारा-चूनर
सीली रेत बिछौना
रही सुध ना!
३)
रोशन जहां
उम्मीदों का दीप तू
खो गया कहाँ?
४)
सर्वस्व वारे
स्व खो हमें सँवारे
माँ, और कौन?
५)
स्टापू-लंगड़ी
लुढ़के कुछ कंचे
यादों की गली !
६)
रचाते ब्याह
सजा गुड्डे-गुड़िया
हम बाराती !
७)
तुम्हारे बिन
कतरा कर खुशी
कहती विदा!
८)
बसा मुझ में
चाहत मिलन की
कस्तूरी प्रीत!
९)
ख्वाहिशें मेरी
भटकें दिन-रैन
तुम बेपीर !
१०)
कजरा नैन
मृगी -सी चितवन
छला है जग !
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