सुमन 'मीत' की रचना- याद आता है..

मंडी, हिमाचल प्रदेश की गोद में बसने वाली सुमन 'मीत' अपना परिचय कुछ इस अंदाज़ में देतीं हैं-
पूछी है मुझसे मेरी पहचान; भावों से घिरी हूँ इक इंसान; चलोगे कुछ कदम तुम मेरे साथ; वादा है मेरा न छोडूगी हाथ; जुड़ते कुछ शब्द बनते कविता व गीत; इस शब्दपथ पर मैं हूँ तुम्हारी “मीत”!!
आप 'बावरा मन' और 'अर्पित सुमन' के माध्यम से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति की खुशबुओं से सरोबार करती रही हैं...आज उन्ही सुगन्धित पुष्पों से चुनकर कुछ पुष्प आप सुधीपठकों की नज़र है.
याद आता है

याद आता है

वो माँ का लोरी सुनाना

कल्पना के घोड़े पर

परियों के लोक ले जाना

चुपके से दबे पांव

नींद का आ जाना

सपनों की दुनियाँ में

बस खो जाना ...खो जाना...खो जाना..................


याद आता है

वो दोस्तों संग खेलना

झूले पर बैठ कर

हवा से बातें करना

कोमल उन्मुक्त मन में

इच्छाओं की उड़ान भरना

बस उड़ते जाना...उड़ते जाना...उड़ते जाना.............


याद आता है

वो यौवन का अल्हड़पन

सावन की फुहारें

वो महका बसंत

समेट लेना आँचल में

कई रुमानी ख़ाब

झूमना फिज़ाओं संग

बस झूमते जाना...झूमते जाना...झूमते जाना............


याद आता है

वो हर खुशनुमा पल

बस याद आता है..............

याद आता है.............

याद आता है...........!!
***

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12 Responses to सुमन 'मीत' की रचना- याद आता है..

  1. Behad samvedansheel rachana!Guzare zamane yaad aa gaye!

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  2. स्मृतियों का सुन्दर चित्रण.. अभिभूत करती कविता..

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  3. भावनाओ से जुड़े पहलू.. रचना बेहद सुन्दर है …. उम्दा … शुभकामनाएं

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  4. bhavnaaon mein gunthi sundar rachnaaen ! badhai ! suman ji ...

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  5. sach hai ye yaaden kabhee saath naheen chhodteen
    sundar abhivyakti

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  6. वो यौवन का अल्हड़पन

    सावन की फुहारें

    वो महका बसंत

    समेट लेना आँचल में

    कई रुमानी ख़ाब
    कोमल भावनाओं की उत्तम अभिव्यक्ति।

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  7. bahut sundr rchna anubhooti ki sundr abhi vykti bdhai
    dr.vedvyathit

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  8. सुमन मीत जी की रचनाओं की ये विशेषता है कि पाठक को अपनी ही बात लगने लगती है...
    यादों के महत्व को प्रदर्शित करती ये रचना दिल को छू लेती है.

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  9. suman ji, bahut hi sundarta aur bhavnaon se bhar kar likhi rachna ke liye aapko bdhai.......... ye rachna padhte padhte main bhi apni yaadon me kho sa gya tha............. :))

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  10. guzare waqt ki manzar kashi bahut dilkash andaz me bayana kiya hai

    ReplyDelete
  11. guzare waqt ki manzar kashi bahut dilkash andaz me bayana kiya hai

    ReplyDelete
  12. Bhavnaon se judi hui kalapnatmak abhivyaki....shubhkamanayein!

    ReplyDelete

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