अरुण चन्द्र रॉय की तीन कविताएँ

रचनाकार परिचय :
नाम: अरुण चन्द्र रॉय
शिक्षा: एम.ए , एम.बी ए. 
व्‍यवसाय: पेशे से कॉपीरायटर तथा विज्ञापन व ब्रांड सलाहकार. 
दिल्ली और एन सी आर की कई विज्ञापन एजेंसियों के लिए और कई नामी गिरामी ब्रांडो के साथ काम करने के बाद स्वयं की विज्ञापन एजेंसी तथा डिजाईन स्टूडियो का सञ्चालन. अपने देश, समाज, अपने लोगों से सरोकार को बनाये रखने के लिए कविता को माध्यम बनाया है.
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बेजान शहर में प्रेम
१.
आसमान
में भरे हैं
धूल के बादल
नीला लगने की बजाय
मटमैला लग रहा है
यह
पानी वाले बादल
नहीं आये
महीनो से
लेकिन
तुम्हारी स्मृतियों के
आने भर से
उमड़ आता है
ए़क सैलाब
मेरे भीतर.
 
२.
आसमान में
परिंदों से उड़ते
नजर आते हैं
शोर मचाते
हवाई जहाज
बौना कर
हो जाते हैं
ओझल
और
भर जाते हैं
कई अरमान
मन में
और
तुम्हारे साथ
कई समंदर पार
हो आता हूँ
मैं
 
३.
होर्डिंग पर लगे
मॉडल
तुम्हारे भीतर
जीवंत हो उठती  हैं
और
इन्द्रधनुष
चस्पा हो जाते हैं
शीशे लगी
मेरी खिडकियों पर
जब तुम
साथ होती हो 
***********

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11 Responses to अरुण चन्द्र रॉय की तीन कविताएँ

  1. अरुण चन्द्र राय जी की सारी कवितायेँ बहुत अच्छी लगी! शानदार प्रस्तुती!

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  2. अरुण चन्द्र राय की तीनोँ कविताएं भाषा, शिल्प एवम् विचार की दृष्टि से सराहनीय है।बधाई!

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  3. कवि ने आधुनिक बाजारवादी जीवन से बिम्बों को लिया है कविता पर बाजारवाद का प्रभाव स्पष्ट है ..अच्छी रचना .बधाई

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  4. बहुत बढिया कवितायें । खासकर ये ----------
    आसमान में
    परिंदों से उड़ते
    नजर आते हैं
    शोर मचाते
    हवाई जहाज
    बौना कर
    हो जाते हैं
    ओझल
    और
    भर जाते हैं
    कई अरमान
    मन में
    और
    तुम्हारे साथ
    कई समंदर पार
    हो आता हूँ
    मैं

    ReplyDelete
  5. शानदार कविताएँ हैं .इन्हे पढते हुए ताज़ी हवा के झोंके का सा अहसास होता है.

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  6. अरुण चन्द्र राय की तीनोँ कविताएं अच्छी है।

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  7. बहुत खूब रंग बिखेरा है आसमान, परिंदे और इन्द्रधनुष सब खुद ही अपना रंग लिए हुए हैं फिर कलम की स्याही से मिल अलग ही रंग बना डाला अपने तो

    ReplyDelete
  8. कवितायेँ बहुत अच्छी लगी! शानदार प्रस्तुती!

    ReplyDelete
  9. तुम्हारी स्मृतियों के
    आने भर से
    उमड़ आता है
    ए़क सैलाब
    मेरे भीतर.

    --- बहुत अच्छी लगी!

    ReplyDelete

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