बी.एड. -1991 – आचार्य जगदीश चन्द्र बोस कालेज,कलकत्ता
व्यवसायः- प्रध्यापक,हिन्दी शिक्षण योजना,सिलीगुडी़-1993-(तदर्थ नियुक्ति)
कनिष्ठ हिन्दी अनुवादक,धातु एवं इस्पात निर्माणी,ईशापुर,रक्षा मंत्रालय अक्टूबर,1994
कनिष्ठ हिन्दी अनुवादक,तोप एवं गोला निर्माणी,काशीपुर, रक्षा मंत्रालयकलकत्ता-फरवरी,2003
वरिष्ठ हिन्दी अनुवादक,आयुध निर्माणी बोर्ड,कलकत्ता, रक्षा मंत्रालय- फरवरी,2006
पताः-यमुना अपार्टमेन्ट,10/1,यादव चन्द्र घोष लेन,कोलकाता,बरानगर, कोलकाता-36
रूचिः- साहित्यिक उपन्यास,कहानी,काव्य, संगीत-(मुकेश, मुहम्मद रफी़, यशुदास, कुमार शानु , लता, आशा, कविता कृष्णमूर्तियागनिक) संगीत वाद्य यंत्र(गिटार), हस्त कल
देश की लब्ध-प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं- साहित्य अमृत, कादम्बिनी, इण्डिया टुडे, स्त्री, युगतेवर, आजकल, इण्डिया न्यूज, दैनिक जागरण, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, स्वतंत्र भारत, राजस्थान पत्रिका, आज, युद्धरत आम आदमी, दलित टुडे, प्रगतिशील आकल्प, कुरूक्षेत्र संदेश, साहित्य क्रांति, साहित्य परिवार, साहित्य परिक्रमा, साहित्य जनमंच, साहित्यांचल, राष्ट्रधर्म, सेवा चेतना, तुलसी प्रभा, प्रतिश्रुति, झंकृति, अपरिहार्य, सरस्वती सुमन, लोक गंगा, रचना कर्म, नवोदित स्वर, आकंठ, प्रयास, गृहलक्ष्मी, गृहशोभा, मेरी संगिनी, वुमेन ऑन टॉप, अनंता, बाल साहित्य समीक्षा, वात्सल्य जगत, जगमग दीप ज्योति, प्रज्ञा, पंखुडी, लोकयज्ञ, समाज प्रवाह, कथाचक्र, नारायणीयम्, मयूराक्षी, गुफ्तगू, मैसूर हिन्दी प्रचार परिषद पत्रिका, हिन्दी प्रचार वाणी, हिन्दी ज्योति बिंब, भारतवाणी, सांस्कृतिक टाइम्स, हिंद क्रान्ति, इत्यादि में रचनाओं का प्रकाशन।
एक दर्जन से अधिक स्तरीय काव्य संकलनों में कविताएं संकलित। अंतर्जाल पर सृजनगाथा, अनुभूति, साहित्यकुंज, साहित्यशिल्पी, रचनाकार, हिन्दी नेस्ट, हिन्दी युग्म, इत्यादि वेब-पत्रिकाओं पर रचनाओं का प्रकाशन। ‘शब्द शिखर’ व ‘उत्सव के रंग’ ब्लॉग का संचालन।
सम्पादनः‘‘क्रान्ति यज्ञः १८५७-१९४७ की गाथा’’ पुस्तक में सम्पादन सहयोग।
सम्मानः साहित्य गौरव, काव्य मर्मज्ञ, साहित्य श्री, साहित्य मनीषी, शब्द माधुरी, भारत गौरव, साहित्य सेवा सम्मान, महिमा साहित्य भूषण, देवभूमि साहित्य रत्न, ब्रज-शिरोमणि, उजास सम्मान, काव्य कुमुद, सरस्वती रत्न इत्यादि सम्मानों से अलंकृत।
राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘भारती ज्योति’ एवं भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान’।
विशेषः ‘बाल साहित्य समीक्षा’ (सं०-डॉ० राष्ट्रबन्धु, कानपुर नवम्बर २००९) द्वारा बाल-साहित्य पर विशेषांक प्रकाशन।
रुचियाँ: रचनात्मक अध्ययन व लेखन। नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक समस्याओं सम्बन्धी विषय में विशेष रुचि।
व्यवसाय: पेशे से कॉपीरायटर तथा विज्ञापन व ब्रांड सलाहकार.
दिल्ली और एन सी आर की कई विज्ञापन एजेंसियों के लिए और कई नामी गिरामी ब्रांडो के साथ काम करने के बाद स्वयं की विज्ञापन एजेंसी तथा डिजाईन स्टूडियो का सञ्चालन. अपने देश, समाज, अपने लोगों से सरोकार को बनाये रखने के लिए कविता को माध्यम बनाया है.
आखर कलश पर हिन्दी की समस्त विधाओं में रचित मौलिक तथा स्तरीय रचनाओं को स्वागत है। रचनाकार अपनी रचनाएं हिन्दी के किसी भी फोंट जैसे श्रीलिपि, कृतिदेव, देवलिस, शुषा, चाणक्य आदि में माईक्रोसोफट वर्ड अथवा पेजमेकर में टाईप करeditoraakharkalash@gmail.comपर भेज सकते है। रचनाएं अगर अप्रकाशित, मौलिक और स्तरीय होगी, तो प्राथमिकता दी जाएगी। अगर किसी अप्रत्याशित कारणवश रचनाएं एक सप्ताह तक प्रकाशित ना हो पाए अथवा किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त ना हो पाए तो कृपया पुनः स्मरण दिलवाने का कष्ट करें।
महत्वपूर्णः आखर कलश का प्रकाशन पूणरूप से अवैतनिक किया जाता है। आखर कलश का उद्धेश्य हिन्दी साहित्य की सेवार्थ वरिष्ठ रचनाकारों और उभरते रचनाकारों को एक ही मंच पर उपस्थित कर हिन्दी को और अधिक सशक्त बनाना है। और आखर कलश के इस पुनीत प्रयास में समस्त हिन्दी प्रेमियों, साहित्यकारों का मार्गदर्शन और सहयोग अपेक्षित है।
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ॐ श्री गणेशाय नमः ! या कुंदेंदु तुषार हार धवला, या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणा वरदंडमंडितकरा या श्वेतपद्मासना | याब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवै सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निश्शेषजाढ्यापहा ||
हां, आज ही, जरूर आयें
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विजय नरेश की स्मृति में आज कहानी पाठ
कैफी आजमी सभागार में शाम 5.30 बजे जुटेंगे शहर के बुद्धिजीवी, लेखक और कलाकार
विजय नरेश की स्मृति में कैफ़ी आज़मी ...
डेढ़ दिन की दिल्ली में तीन मुलाकातें
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*दिल्ली जिनसे आबाद है :* कहने को दिल्ली में दस दिन रहा, पर दस मित्रों से
भी मुलाकात नहीं हो सकी। शिक्षा के सरोकार संगोष्ठी में भी तमाम मित्र आए थे,
पर ...
‘खबर’ से ‘बयानबाज़ी’ में बदलती पत्रकारिता
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मीडिया और खासतौर पर इलेक्ट्रानिक मीडिया से ‘खबर’ गायब हो गयी है और इसका
स्थान ‘बयानबाज़ी’ ने ले लिया है और वह भी ज्यादातर बेफ़िजूल की बयानबाज़ी.
नेता,अभिनेता...
दीवाली
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*दीवाली *
एक गंठड़ी मिली
मिट्टी से भरी
फटे -पुराने कपड़ो की
कमरे की पंछेती पर पड़ी !
यादे उभरने लगी
खादी का कुर्ता ,
बाबूजी का पर्याय
बेलबूटे की साडी साडी ...
नए घरोंदों की नीव में- दो बिम्ब
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*नतमस्तक हूं*
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मैने नहीं चखा
जेठ की दुपहरी में
निराई करते उस व्यक्ति के
माथे से रिसते पसीने को,
मैं नहीं जानता
पौष की खून जमा देने वाली
बर्...
थार में प्यास
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जब लोग गा रहे थे
पानी के गीत
हम सपनों में देखते थे
प्यास भर पानी।
समुद्र था भी
रेत का इतराया
पानी देखता था
चेहरों का
या फिर
चेहरों के पीछे छुपे
पौरूष का ही
...
मन की उन्मुक्त उड़ान को शब्दों में बाँधने का अदना सा प्रयास भर है मेरा सृजन| हाँ, कुछ रचनाएँ कृत्या,अनुभूति, सृजनगाथा, नवभारत टाईम्स, कुछ मेग्जींस और कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई हैं. हिन्दी साहित्य, कविता, कहानी, आदि हिन्दी की समस्त विधाएँ पढने शौक है। इसीलिये मैंने आखर कलश शुरू किया जिससे मुझे और अधिक लेखकों को पढने, सीखने और उनसे संवाद कायम करने का सुअवसर मिले। दरअसल हिन्दी साहित्य की सेवा में मेरा ये एक छोटा सा प्रयास है, उम्मीद है आप सभी हिन्दी साहित्य प्रेमी मेरे इस प्रयास में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।