शिक्षा: स्नातक, रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर ( छत्तीसगढ )
वर्तमान: बिलासपुर ( छत्तीसगढ )
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दोस्तो क्यों परेशान होते हो,
क्यों हैरान होते हो,
चांदी के चंद सिक्कों के लिए,
ज़रा सोचो,
चांदी के सिक्कों का करोगे क्या,
क्या इन सिक्कों को
आंखो पर रखने से नींद आ जाएगी,
या फिर इनसे,
रात की करवटें रुक जायेंगी,
और तो और, कोई बतायेगा,
कि इन सिक्कों को देख कर,
क्या ‘यमदूत’ डर कर लौट जायेंगे,
या फिर, इन सिक्कों पर बैठ कर,
तुम स्वर्ग चले जाओगे,
या इन्हें जेब में रख कर,
अजर-अमर हो जाओगे,
अगर तुम सोचते हो,
ऐसा कुछ हो सकता है,
तो चांदी के सिक्के अच्छे हैं,
और तुम्हारी इनके लिए
मारामारी अच्छी है,
अगर ऐसा कुछ न हो सके,
तो तुम से तो,
तुम्हारे चांदी के सिक्के अच्छे हैं,
तुम रहो, या न रहो,
ये सिक्के तो रहेंगे,
न तो तुम्हारे अपने
और न ही ये सिक्के,
तुम्हें कभी याद करेंगे,
अगर ऐसा हुआ या होगा!
फिर ज़रा सोचो,
क्यों परेशान होते हो,
चांदी के चंद सिक्कों के लिए,
अगर होना ही है परेशान,
रहना ही है जीवन भर हलाकान्,
तो उन कदमों के लिए हो,
जो कदम उठें तो,
पर उठ कर कदम न रहें,
बन जायें रास्ते,
सदा के लिए, सदियोँ के लिये,
न सिर्फ तुम्हारे लिए,
न सिर्फ हमारे लिए..........।
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- श्याम कोरी 'उदय'
ब्लाग - www.kaduvasach.blogspot.com
लगी हुई है सारी दुनिया चॉंदी के सिक्कों के पीछे,
ReplyDeleteसरपट सरपट दौड़ रहे पर हरदम ही ये रहते पीछे।
श्याम जी अच्छी बात लाये हैं।
अगर होना ही है परेशान,
ReplyDeleteरहना ही है जीवन भर हलाकान्,
तो उन कदमों के लिए हो,
जो कदम उठें तो,
पर उठ कर कदम न रहें,
बन जायें रास्ते,
सदा के लिए, सदियोँ के लिये,
न सिर्फ तुम्हारे लिए,
न सिर्फ हमारे लिए..........।
Badihi sashakt rachana hai..
सुन्दर अभिव्यक्ति है,धन्यवाद श्यामजी।
ReplyDeleteरहना ही है जीवन भर हलाकान्,
ReplyDeleteतो उन कदमों के लिए हो,
जो कदम उठें तो,
पर उठ कर कदम न रहें,
बन जायें रास्ते,
सदा के लिए, सदियोँ के लिये,
सुंदर अभिव्यक्ति श्याम भाई
सुनील जी व नरेन्द्र जी आप दोनों का धन्यवाद ...साथ ही साथ ढेर सारी शुभकामनाएं की आप दोनों इसी मंच से शीघ्र ही "किंग मेकर" बन कर उभरें... बहुत बहुत बधाई!!!
ReplyDeleteधन्यवाद श्यामजी।
ReplyDelete"जो कदम उठें तो,
ReplyDeleteपर उठ कर कदम न रहें,
बन जायें रास्ते..."
बहुत सुन्दर!
--अशोक लव
shyamm ji aapka naxalvaad par lekh padha tha.. lekin aap kavita aur bhi achhi likhte hain... sunder aur saarthak kavita
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