tag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post7408572715557710463..comments2024-01-02T22:07:29.922-08:00Comments on आखर कलश: ओम पुरोहित ‘कागद’ की कविताएँNarendra Vyashttp://www.blogger.com/profile/12832188315154250367noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-1676485194190427032010-07-07T01:48:21.776-07:002010-07-07T01:48:21.776-07:00bahut khoob.......
sundar bhav......bahut khoob.......<br />sundar bhav......Shayar Ashok : Assistant manager (Central Bank)https://www.blogger.com/profile/14269190208303983206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-37617584944439066022010-06-20T08:39:21.844-07:002010-06-20T08:39:21.844-07:00राजिस्थान की माटी से जुड़ी
कविताओं की महक मन-मोहक ह...राजिस्थान की माटी से जुड़ी<br />कविताओं की महक मन-मोहक है<br />सभी कविताएँ सोच दिशा प्रदान कर रही हैं <br />बधाई स्वीकार करेंGOVIND GULSHANhttps://www.blogger.com/profile/01140648535118496417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-39446145041382804312010-06-14T07:34:45.213-07:002010-06-14T07:34:45.213-07:00बान्डी सान्प री ई एक प्रजाति है. राजस्थानी ई जानै ...बान्डी सान्प री ई एक प्रजाति है. राजस्थानी ई जानै है.दूजा नी जान सकै.ओम पुरोहित'कागद'https://www.blogger.com/profile/13038563076040511110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-19600272515018920652010-06-10T07:20:01.289-07:002010-06-10T07:20:01.289-07:00मन को कुरेदते ये चित्रण !!
जहरी बांडी* पढ के ए...मन को कुरेदते ये चित्रण !!<br /><br /><br />जहरी बांडी* पढ के एकाएक ही पाली जिले की बंजर धरती उगलती बांडी नदी का ध्यान आ गया ।किरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-7934362934370460722010-06-10T02:35:41.294-07:002010-06-10T02:35:41.294-07:00चिरायु कविता जी,
वन्दे!
यह मेरी राजस्थानी कविताएं ...चिरायु कविता जी,<br />वन्दे!<br />यह मेरी राजस्थानी कविताएं नहीँ हैँ बल्कि विशुद्द रूप से हिन्दी कविताएं हैँ।यह कविताएं 2005 मेँ प्रकाशित मेरे कविता संग्रह'थिरकती है तृष्णा ' मेँ शामिल हैँ।अकाल चित्र के रूप मेँ ऐसी लगभग 100 कविताएं देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओँ मेँ स्थान पा चुकी हैँ।त्रिलोचन जी को ये बहुत पसंद थीँ।ओम पुरोहित'कागद'https://www.blogger.com/profile/13038563076040511110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-68238319515899144682010-06-10T02:23:06.308-07:002010-06-10T02:23:06.308-07:00आदरणीय श्री दीनदयाल जी शर्मा साहिब,
सादर वन्दे!
यह...आदरणीय श्री दीनदयाल जी शर्मा साहिब,<br />सादर वन्दे!<br />यह कविताएं राजस्थानी अंचल की है और राजस्थानी भाषाई शब्द हिन्दी के देशज शब्द के अंतर्गत ही आते हैँ।'ळ'की जगह'लआया है यह हिन्दी मेँ स्वीकार्य है इस लिए'किरकिरी' जैसी कोई बात नहीँ है।इनको पढ़ते हुए आंचलिक उच्चारण मे जरूर अंतर आता है मगर व्यंजना एवम् भावार्थ मेँ कोई अंतर नहीँ आता।जबकि आप यह टाइप की भी गलती मानते हैँ।ओम पुरोहित'कागद'https://www.blogger.com/profile/13038563076040511110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-24881436189783326392010-06-10T00:26:46.790-07:002010-06-10T00:26:46.790-07:00'कागद'
यहां भी 'कागद' , वहां भी &#...'कागद'<br />यहां भी 'कागद' , वहां भी 'कागद'<br />कहां कहां मिलता है 'कागद'<br />'कागद' थोक में अपने घर में <br />थोड़ा थोड़ा दुनिया भर में <br />हर ब्लॉगर के बक्से में है <br />हर फॉलोअर नक्शे में है <br />'कागद' मिलता है 'रांधण' पर <br />'कागद'मिलता है 'कांकड़' पर <br />'आखरकलश' है घर 'कागद' का <br />है 'भटनेर' नगर 'कागद' का <br />कलम तेज चलती 'कागद' की<br />जय , महिमा सारी 'कागद' की<br />- राजेन्द्र स्वर्णकार <br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com" rel="nofollow">शस्वरं</a></b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-78412339525786346992010-06-09T22:43:42.679-07:002010-06-09T22:43:42.679-07:00आस पास से कुछ चुन लेना और शब्दों के ताने बाने में...आस पास से कुछ चुन लेना और शब्दों के ताने बाने में बुन लेना एक कला है ओर लघु कविता में यह कर लेना आज की आवश्यकता। बहुत खूबसूरती से इसे निभाया गया है प्रस्तुत कविताओं में।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-22415132543520615512010-06-09T20:55:53.877-07:002010-06-09T20:55:53.877-07:00kagad ji aapki kavitayen bahut bolti hain.badhai.l...kagad ji aapki kavitayen bahut bolti hain.badhai.lekin ye shayed aapki rajasthani kavitaon ka hindi anuwad hai.hai naa!Dr. kavita 'kiran' (poetess)https://www.blogger.com/profile/10137044674020780363noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-64883489916387968372010-06-09T11:46:40.190-07:002010-06-09T11:46:40.190-07:00अत्यंत भावप्रवण रचनाएं .........]
मिट्टी से जुड़ी ह...अत्यंत भावप्रवण रचनाएं .........]<br />मिट्टी से जुड़ी हुई.....आभार।डॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-52444318875626852252010-06-09T11:11:12.290-07:002010-06-09T11:11:12.290-07:00राजस्थानी रंग में रंगी सुन्दर रचनाएँ!राजस्थानी रंग में रंगी सुन्दर रचनाएँ!nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-58536073737878931552010-06-09T10:41:42.333-07:002010-06-09T10:41:42.333-07:00कवितायेँ गज़ब.......बधाई......लेकिन आंचलिक शब्दों ...कवितायेँ गज़ब.......बधाई......लेकिन आंचलिक शब्दों को उसी अंदाज़ में देना चाहिए था......टाइप की गड़बड़ी के कारण कविता में किरकिरी महसूस होती है.........दीनदयाल शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07486685825249552436noreply@blogger.com