tag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post7290778661573877833..comments2024-01-02T22:07:29.922-08:00Comments on आखर कलश: यश मालवीय के दो गीतNarendra Vyashttp://www.blogger.com/profile/12832188315154250367noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-73987270150077640932011-03-31T22:41:13.066-07:002011-03-31T22:41:13.066-07:00भीतर -भीतर कितनी बार
उबलना होता है
बालू बांध पांव ...भीतर -भीतर कितनी बार<br />उबलना होता है<br />बालू बांध पांव में<br />मीलों चलना होता है<br />आदरणीय यश जी के गीत जीवन की वास्तविकता का चित्रण बखूबी करते हैं. उनके गीतों को पढ़कर लगता है कि गीत-नवगीत विधा कमजोर पड़ने वाली नहीं. पंकज जी , नरेन्द्र जी, एवं सुनील जी इन गीतों को प्रस्तुत करने के लिए बधाई.अवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttps://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-40348433049344687022011-03-31T22:23:07.585-07:002011-03-31T22:23:07.585-07:00यश मालवीय के गीतों की अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई ...यश मालवीय के गीतों की अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई तथा शुभकामनाएं !Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7334972987523809834.post-4003173427880265542011-03-31T08:18:49.590-07:002011-03-31T08:18:49.590-07:00भाई नरेंद्र जी यश मालवीय हिन्दी गीत के प्रमुख रचना...भाई नरेंद्र जी यश मालवीय हिन्दी गीत के प्रमुख रचनाकारों में हैं |उनको पढ़ना बहुत सुखद लगता है |बधाईजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.com