नज़्म- भरत तिवारी



एक मीठी मुस्कान ले आना
जब आना तुम......

भरत तिवारी
जीने के अरमान ले आना
जब आना तुम......

धूल सनी डायरी तुम्हे ही सोंचती होगी
कुछ गीत ग़ज़ल कुछ शेर नज़्म ले आना
जब आना तुम......

करके बसेरा है पसरा गहरा ठंडा सन्नाटा
बेपरवाह हँसी, लबों की गर्माहट ले आना
जब आना तुम......

मंदिर मस्जिद गिरजों मे तो मिले नहीं
ढूँढ के जो मिल जायें भगवान ले आना
जब आना तुम......

साथ नहीं है देता वक्त और वक्त के लोग
बढ़ती सी इस उम्र का चैन आराम ले आना
जब आना तुम......

है हमसे मजबूत हमारे रिश्ते की बुनियाद
इस दुनिया की खातिर कोई नाम ले आना
जब आना तुम......

समय रुका है जहाँ छोड़ के गये थे तुम
गये वक्त मे देना था जो प्यार ले आना
जब आना तुम......

साँसें घुटती हैं अब ईंट की छत के नीचे
छोटा सा आँगन और पेड़ की छाँव ले आना
जब आना तुम......

एक ज़माना गुज़रा सुने हुए दिल को
'भरत' की गुम धड़कन को भी ले आना
जब आना तुम......

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24 Responses to नज़्म- भरत तिवारी

  1. समय रुका है जहाँ छोड़ के गये थे तुम
    गये वक्त मे देना था जो प्यार ले आना .
    साँसें घुटती हैं अब ईंट की छत के नीचे
    छोटा सा आँगन और पेड़ की छाँव ले आना !!!!!!!!!waah ...वेसे उनकी शब्दों की रचना जीवन के sakartmak पहलुओं को दिखाती हुई हुआ karti है ...मैने काफी उनकी रचनाये देखि आज कल dikhti नहीं है ....कई समय बाद आज दिखी है ....इंसानी jijivesha ..और कश्म कश के बीच एक sakaratmak पहलु hamenshan ubharta हुआ हुआ करता है bhart bhai की paktiyon में ...shukriya ji !!!!!!!.Nirmal Paneri

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  2. मंदिर मस्जिद गिरजों मे तो मिले नहीं
    ढूँढ के जो मिल जायें भगवान ले आना
    जब आना तुम......
    bahut sunder pura geet man ko mohne wala hai gahre bhavo liye huye
    rachana

    ReplyDelete
  3. लाजवाब प्रस्तुति ......

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  4. bahut bhavnatmak abhivyakti hai.....bahut sunder...

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  5. साँसें घुटती हैं अब ईंट की छत के नीचे
    छोटा सा आँगन और पेड़ की छाँव ले आना
    जब आना तुम......

    waah.......bahut khub

    intoo ke maakan mei ab dam bhi ghutne ko hai ...anu

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  6. इस भाव-प्रवण रचना के लिये भरत भाई बहुत-बहुत बधाई. भावनाओं को जीने में कोई गणित काम नहीं आता. प्रस्तुत प्रविष्टि इस बात की ताकीद करती है.

    भरत, आशा बँधी है. मेरी एक गुजारिश तुमसे -

    दीखें बिखरे शब्द निरर्थक, जिनकी रीढ़ नमी हुयी है
    जबभी लिखना रिश्ते कहना, मुट्ठी भरकर ले आना..
    जब आना तुम...


    -- सौरभ पाण्डेय, नैनी, इलाहाबाद (उ.प्र.)
    .

    ReplyDelete
  7. साँसें घुटती हैं अब ईंट की छत के नीचे
    छोटा सा आँगन और पेड़ की छाँव ले आना
    जब आना तुम......
    achhi najm hai ....badhai

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  8. Bhrat Bhai,,
    Aapki Lekhni Utkrist Shaili Ki Hai. Bahot Hi Seasoned Lekhak Hain aap..
    Iss Nazm Me Jivan Ka Ek DARSHAN Hai jo Baar Baar Padhne KO Prerit Karta Hai..
    AAshirvaad.

    ReplyDelete
  9. Bhrat Bhai,,
    Aapki Lekhni Utkrist Shaili Ki Hai. Bahot Hi Seasoned Lekhak Hain aap..
    Iss Nazm Me Jivan Ka Ek DARSHAN Hai jo Baar Baar Padhne KO Prerit Karta Hai..
    AAshirvaad.

    ReplyDelete
  10. Bhrat Bhai,,
    Aapki Lekhni Utkrist Shaili Ki Hai. Bahot Hi Seasoned Lekhak Hain aap..
    Iss Nazm Me Jivan Ka Ek DARSHAN Hai jo Baar Baar Padhne KO Prerit Karta Hai..
    AAshirvaad.

    ReplyDelete
  11. bhai kya kahe.........
    m tooooo small to comment on dis.... its realy awesome :)

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  12. Hi,
    THis is a heart touching poem..speachless lyrics :)

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  13. bhai wah . . . . . labon ki garmaahat ka jawab nahin . . . . aap ne zindagi se mulaqaat kara di bhai . . . . aap se guzaarish hai ki is tarah ki hi nazmein (chhand mukt) likha karein . . .

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  14. समय रुका है जहाँ छोड़ के गये थे तुम
    गये वक्त मे देना था जो प्यार ले आना
    जब आना तुम......

    bahut khub ! bahut2 badhai..

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  15. good work.........

    Saba Se Ye Kah Do Ke Kaliyaan Bichhaae
    vo Dekho, Vo Jaan-e-bahaar Aa Raha Hai
    chura Le Gaya Jo, In Aankhon Ki Nindein
    vahi Leke Dil Ka Qaraar Aa Raha Hai

    be blessed

    naSim....................... Poetry n Art

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  16. बहुत सुंदर रचना है


    मंदिर मस्जिद गिरजों मे तो मिले नहीं
    ढूँढ के जो मिल जायें भगवान ले आना
    जब आना तुम......


    समय रुका है जहाँ छोड़ के गये थे तुम
    गये वक्त मे देना था जो प्यार ले आना
    जब आना तुम......

    ReplyDelete
  17. भरत जी... प्यार उन हदों से भी गुजरता है जब चाहने वाले की सूरत भगवान से मिलने लगती है..मन के देवता से कोई भी मनौती मांगी जा सकती है..
    बहुत सुंदर नज़्म है मित्र....साधुवाद ...

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  18. काफी उम्मीदें हैं --आने वाले से ! बहुत बढ़िया भारत भाई ! उम्मीदों को हमेशा जवां ही रहना चाहिए ! सुन्दर भाव !

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  19. भावों का अदभुत प्रदर्शन,दिल छू लिया इन भावों ने ऐसा लगा इतना सुंदर कुछ पढ़ा ही नहीं अरसे से...

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  20. मंदिर मस्जिद गिरजों मे तो मिले नहीं
    ढूँढ के जो मिल जायें भगवान ले आना
    जब आना तुम......


    Bahut Hi achhi panktiyaan Lagi mujhe... Bahut khubsurat Najm hai

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  21. bahut khoobsurat rachna ke liye badhai sweekaren

    ReplyDelete

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