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सुन्दर और सार्थक कविता !
ReplyDeleteकविता वास्तव में जिस अनुभूति का नाम है, उसकी पहचान इस रचना में गहराई के साथ मिलती है। बधाई।
ReplyDeleteविगत कुछ समय में पढ़ी श्रेष्ठ कविताओं में से एक। विषय पर निरंतर सटीक शब्दों की पकड़ बनाये विचार की निरंतर बहती काव्य-धारा।
ReplyDeleteसशक्त कथा हस्ताक्षर एवम् रसायनज्ञ भाई माधव नागदा की पढ़ कर सुखद अनुभूति हुई!आपकी डायरी एवम् कथाएं तो प्रभावित करती रहीँ है ।आज कविताओँ ने भी मन मोह लिया।अच्छी कविताओँ के लिए बधाई!
ReplyDeleteMadhav G ki kavita achi legi hai. Madhav G hindi shatiya jagat ke ek part hai. Aakhar kalash ke vajah se aaj Madhav G ki kavita ko pdhane ka moka mila.
ReplyDeleteThanks.
Vyas & Gajjani Group
बचाना है कविता को
ReplyDeleteक्रूर लकडहारों से...
sahi kaha
आशावादी स्वर ने प्रभावित किया, कविता सत्य ही सत्य को उजागर करती है. अपनी कविता ' कविता सूरज है' स्मरण हो आई .
ReplyDeleteआप की इस रचना को शुक्रवार, 2/7/2010 के चर्चा मंच के लिए लिया जा रहा है.
ReplyDeletehttp://charchamanch.blogspot.com
आभार
अनामिका
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.....कविता के जन्म की कहानी कहती हुई
ReplyDeletesunder kavita..
ReplyDeleteएक मँजे हुए साहित्यकार की सधी हूई कविता ।रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ReplyDeleteJuly 2, 2010