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- देवी नागरानी
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अपना ही चेहरा देख के होता है खौफ़-सा
ReplyDeleteटूटा वो आईना ही हटा दें तो ठीक है....
ये मोहतरमा देवी नागरानी साहिबा के इल्मे-उरूज़ की बुलंदी का दस्तावेज़ है. ग़ज़ल का हर शेर दिल को छू जाता है.
gazal me bahut gahari baat kahi hai.
ReplyDeleteअपनी माटी
माणिकनामा
DEVI NANGRANI JEE KEE GAZAL PADHNA BAHUT ACHCHHA
ReplyDeleteLAGAA HAI.ACHCHHEE GAZAL KE LIYE UNHEN BADHAAEE.
देवी नागरानी जी सुपरिचित हस्ताक्षर हैं ग़ज़ल जगत में और उनके अशआर पर मैं कुछ कहूँ!
ReplyDeleteबहुत अच्छी गज़ल लगी जिंदगी के कई फलसफे बताती
ReplyDeleteDevi Naagrani ji ki qalam khud apna parichay deti hai..
ReplyDeleteनागरानी जी का नाम तो बहुत सुना था आज उनके काव्य से रुबरु होने का सौभाग्य मिला
ReplyDeleteअच्छी गज़ल ......
Devi nagrani ji ki gazal achhi lagi.
ReplyDeleteunhen badhai!
*mere khayal se yahan gazal likhne walon ko ye kitab jaroor padhni chahiye-
'URDU KAVITA OR CHHAND SHASTRA'
lekhak-NARESH NADEEM
sarans prakashan
142-E poket-4
mayur vihar,fez-1
dilli-110091
Rs.150/-
देवी नागरानी जी को पढता रह्ता हूँ.
ReplyDeleteहर शेर ख़ास है.
Nagrani ji ko padhana sunana hamesha achcha lagta hai..saadar kulwant
ReplyDeleteDevi ji ke baare mein kuch kahna sooraj ko diya dikhaane jaisa hai ... vo ustaad hain is fun ki ...
ReplyDeletesunder gazal... zindgi ki hakikat se rubaru karati
ReplyDeletebehtreen gazal,falsafe sachhe hai ,koi padke jindgi ko samjhe to sahi.........
ReplyDeleteकिस काम का उजाला जो बीनाई छीन ले
ReplyDeleteपलकों पे उसके परदा गिरा दें तो ठीक है
दीदी की बाकी ग़ज़लों की तरह ये ग़ज़ल भी लाजवाब है...
नीरज
bahut khoob , sachhi baaton aapne bakhubi , gazal ke andaaz mein bayan kiya hai........badhaii
ReplyDeleteAap sabhi padne walon ki shukraguzaar hoon jo apne shabdon mein apna sneh samoya. mere prayaas k housla deti aap sabhi ki abhivyakti ke liye dhanyawaad.
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