आशा पाण्डे (ओझा) |
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धुंधले हुए इतिहास के पृष्ठों पर रचे हुए हरूफ
ReplyDeleteवक्त को इंतजार अब इक नई कहानी का है
वाह क्या खूब कही आपने !!
काफी भाव पूर्ण रचना ..
बधाई , स्वीकारें ||
charo hi rachanaayen bahut hi shandar hai ..... sabhi rachanaaon ne apani chhap chhodi hai ....... bahut badiyaa lekhan hai aapka aasha ji ..... shubhkamanayen.
ReplyDeleteआशा पांडे जी,
ReplyDeleteआपकी चारोँ कविताएं बेहतरीन हैँ।
बधाई!
बस विवरणात्मकता से बचेँ।कुछ तो पाठक के लिए भी सोचने को छोड़ेँ।कवि द्वारा छोड़े संकेतो, प्रतीकोँ एवम् बिम्बोँ का पाठक पीछा कर निहितार्थ खोजता है तो वह रोमांचित होता है।यही कविता का आनंद भी है।
शब्दो पर इतने इनवार्टेड कोमा लगाने की भी कहां दरकार है!
अच्छी ग़ज़लें, जो दिल के साथ-साथ दिमाग़ में भी जगह बनाती है।
ReplyDeleteअच्छी ग़ज़लें, जो दिल के साथ-साथ दिमाग़ में भी जगह बनाती है।
ReplyDeleteSundar aur sahaj bhavabhivyakiti ke liye meree
ReplyDeletehardik badhaaee aur shubh kamna.
achchhi bhavpravan rachnaayen hain.. badhai Asha ji
ReplyDeleteवाह क्या खूब कही आपने !!
ReplyDeleteकाफी भाव पूर्ण रचना ..
बधाई , स्वीकारें ||
आदरणीया आशा जी ,
ReplyDeleteप्रणाम,
मैने आपकी लिखी कविता पढ़ा और काफी प्रभावित हुआ, आशा जी यदि आप अनुमति दे तो मै आपकी कविता "माँ तुम","इक ऐसा स्वर्णिम सवेरा होगा" एवं अन्य को मेरे सोसल नेटवर्क वेबसाईट www.openbooksonline.com पर प्रकाशित कर दू जिससे ओपन बुक्स परिवार से जुडे सदस्य भी आपके कविताओ से लाभ उठा सके,
आप के जबाब के इंतजार मे,
गनेश जी
ADMIN
Open Books Online
विशाद-वेदना जहां वर्जित होंगे
ReplyDeleteप्रहरी सुख प्रमोद का घेरा होगा
प्रत्येक रचनाएं विविधता लिए हुए हैं, यह पंक्ति मुझे बहुत सहज और स्वाभाविक लगी, और दिल से मैं भी चाहा है
धुंधले हुए इतिहास के पृष्ठों पर रचे हुए हरूफ
ReplyDeleteवक्त को इंतजार अब इक नई कहानी का है......
really asha ji its a awesome lines.
carry on you are good poet.
ये सुलगते मंजर, ये संवेदनाओं की खामोशी
ReplyDeleteवाकई मैं हैरान हूँ क्योंकि वक्त हैरानी का है
बहुत सुन्दर रचना है आशा जी. आपके नाम के अनुसार उम्मीद जगाती.
बहुत ही सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार रचना प्रस्तुत किया है जो काबिले तारीफ़ है! बहुत बहुत बधाई आशा जी!
ReplyDeleteमै आशा जी का प्रशंसक रहा हूँ क्योकि आशा जी अपने परिवेश के प्रति सजग व संवेदनशील कथाकार है। आप भाव व कथ्य दोनों स्तर पर सशक्त है ये उपर्युक्त रचनाओं से सुविदित है।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचनाये है.. माँ सरस्वती का आशीर्वाद आशा जी पर बना रहे.
ReplyDeleteसभी रचनाएँ अच्छी लगी,धन्यवाद.
ReplyDelete॥ ऊँ पाठकाय नमः ॥
ReplyDeleteआप सर्वशक्तिमान हैँ आप सर्वत्र विराजमान हैँ
आप आदि हैँ
अनंत हैँ
आपकी लीला अपरम्पार है
आप
सातोँ समुन्दरोँ के इधर भी हैँ
उधर भी हैँ
आपकी की जद मेँ
पत्रिका
पुस्तक
अखबार
वेबसाइट
ट्यूटर
ओरकुट
फेसबुक
ब्लाग आदि
सब आते हैँ
आप जिसे चाहेँ
उसे
अर्श पर बिठा देँ
जिसे न चाहेँ
उसे
फर्श पर लिटा देँ
पाठकाभिमन्यू बन
आपने
चक्रव्यूह रुपी
अन्तरजाल को
कब का
भेद डाला।
हे लेखकहितकारी
आपकी टिप्पणी
सब को है प्यारी
तुम पाठक हो
पाठक ही रहना
बस सुन लो
अरज हमारी
मत करना
अतिक्रमण
सिरजन का
चाहे जो करना
परन्तु
रचना से बचना!
अच्छे प्रयास. लय तथा प्रवाह का ध्यान रखें.
ReplyDeleteमेरी नयी रचनाओं हेतु divyanarmada.blogspot.com देखिये. अनुसरण करें, टिप्पणी दें, रचना दें. संपर्क: salil.sanjiv@gmail.com
Asha ji . apki kavitaoun main main mare bharat ki mitthi ki khushbu hi, aapki racnaoun main dard hai , carry on , namaskaar sweekar karien.
ReplyDeletenamaskar asha jee
ReplyDeleteaaj aap ki 2 rachnaaye padhi maine
maa tum aur gareeb ka jeewan
dono hi rachnaao me gahri samvedna aur insaniyat ke prati dard aur samman ki bhaawna maine mehsuus kee.
kripaya meri badhaayi sweekaar karen
shashi bhushan
director
vikas buildtech private limited gorakhpur
aap ek mahan kawyatree ho jo aaj ke samy v samaj ko darpan ki tarh samne rakhati ho aap ki kavita uch koti ki hai
ReplyDeleteThats realy Interestin.you have awesome quality to make Hindi poems.Good Spirit.Keep it up
ReplyDeleteजब ‘अरमानों का चूल्हा’ जलता,
ReplyDeleteमिल बैठ खाते गम सारे,
aasha jee namaskar, kya kabiletarif andaj hai aapke ,in lajabab rachnao ke liye mubarakbad kabul kare ........shukriya
bahut sunder rachna h aapki. badhaiyan.
ReplyDeleteAMULIY KAVITA HE KRAPIYA HAMESH ASE HI LIKANA ! MA KI MAMTA KE LIY BHADAI OM VIYAS KE BAD AAPANE MA KA MAHATV LIKHA HE ! BADHAI HO !( GANESHKHER@GMAIL.COM)
ReplyDeleteबहुत अच्छे गीत और गज़ल है आशा जी के ,गरीब के महल को दर्द ,रंज ,करुणा ,विपदा ,आंसू ,कसक ,से सजा कर ह्रदय स्पर्शी रचना का सृजन ,किया है .......ओम जी भाई की टिपण्णी ने तो मन मोह लिया
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचनाऐं है भावपूर्ण होने के साथ साथ सार्थकता के सुपथ्यगामी भी है
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