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“माँ सरस्वती-शारदा”
ॐ श्री गणेशाय नमः !
या कुंदेंदु तुषार हार धवला, या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणा वरदंडमंडितकरा या श्वेतपद्मासना |
याब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवै सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निश्शेषजाढ्यापहा ||
या कुंदेंदु तुषार हार धवला, या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणा वरदंडमंडितकरा या श्वेतपद्मासना |
याब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवै सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निश्शेषजाढ्यापहा ||
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नामः- श्रीमती साधना राय पिताः- स्वर्गीय श्री हरि गोविन्द राय (अध्यापक) माता:- श्रीमती प्रभा राय...
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नाम : डॉ. कविता वाचक्नवी जन्म : 6 फरवरी, (अमृतसर) शिक्षा : एम.ए.-- हिंदी (भाषा एवं साहित्य), एम.फिल.--(स्वर्णपदक) पी.एच.डी. प...
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समीक्षा दिनेश कुमार माली जाने माने प्रकाशक " राज पाल एंड संज "द्वारा प्रकाशित पुस्तक " रेप तथा अन्य कहानियाँ "...
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संक्षिप्त परिचय नाम : दीपा जोशी जन्मतिथि : 7 जुलाई 1970 स्थान : नई दिल्ली शिक्षा : कला व शिक्षा स्नातक, क्रियेटिव राइटिंग में डिप्लोमा ...
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हां, आज ही, जरूर आयें - विजय नरेश की स्मृति में आज कहानी पाठ कैफी आजमी सभागार में शाम 5.30 बजे जुटेंगे शहर के बुद्धिजीवी, लेखक और कलाकार विजय नरेश की स्मृति में कैफ़ी आज़मी ...
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सम्पादक मंडल
- Narendra Vyas
- मन की उन्मुक्त उड़ान को शब्दों में बाँधने का अदना सा प्रयास भर है मेरा सृजन| हाँ, कुछ रचनाएँ कृत्या,अनुभूति, सृजनगाथा, नवभारत टाईम्स, कुछ मेग्जींस और कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई हैं. हिन्दी साहित्य, कविता, कहानी, आदि हिन्दी की समस्त विधाएँ पढने शौक है। इसीलिये मैंने आखर कलश शुरू किया जिससे मुझे और अधिक लेखकों को पढने, सीखने और उनसे संवाद कायम करने का सुअवसर मिले। दरअसल हिन्दी साहित्य की सेवा में मेरा ये एक छोटा सा प्रयास है, उम्मीद है आप सभी हिन्दी साहित्य प्रेमी मेरे इस प्रयास में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
बहुत सुंदर ,विशेषतया ’पाठशाला’ बहुत उम्दा ,सच पाठशाला किसी मंदिर से कम नहीं होती
ReplyDeleteभाई जुगलजोड़ी जी,
ReplyDeleteनमो है थानै अर थारै ब्लाग नै!
20रै ऐड़ गेड़ टीप भेज दी पण लागै पूगी एक ई कोनी का फेर थारी कूटळै आळी छाबड़ती मेँ गई परी।लूंठी दीखै थां आळी कूटळा छाबड़ती?
थारी शानदार अर ज्यानदार राजस्थानी कवितावां रो उल्थो बांच,र जीव सोरो होयो!कई बार टीप भेजी पण ब्लागड़ै आळी जुगलजोड़ी कोई भिचकी घाल दी।खैर! बधाई!
ReplyDeleteBacche Bhagwan hote hain....Jaisi Man ko choo lene wali kavitaon ke liye chote bhaee Dr.Madan Laddha ka abhar. Deendayal Sharma
ReplyDeleteमुझे 'आखर कलश' का अम्बेसडर नियुक्त कर दो!
ReplyDelete*सुझाव/निवेदन/आग्रह:-
1.रचनाओँ के चयन हेतु एक टीम गठित करेँ।
2 .हर राज्य व ज़िलोँ मे अपने प्रतिनिधि बनाओ जिनके माध्यम से चयनित व बेहतरीन रचनाएं आएं।
3.संक्षिप्त पुस्तक समीक्षा भी देँ। प्रेषित समीक्षा न प्रकाशित करेँ बल्कि अपने स्तर पर समीक्षा करवाएं। इष हेतु पुस्तक की दो प्रति मंगवाएं।एक प्रति आती है तो पुस्तक का विवरण फोटो सहित प्रकाशित करेँ
4.रचनाकारोँ का आडियो/वीडियो भी लगाएं
5 .रचनाओँ के साथ रेखा चित्र/पेँटिँग/कोलाज/फोटो भी लगाएं।इस से रचनाओँ की संवेदनाएं अधिक मुखरित होंगी साथ ही चित्रकारोँ को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
*KAGAD
इसकी आबो-हवा में
ReplyDeleteपसरी हुई है
कई अनलिखी
कालजयी कविताएं
जो मुझे तलाश रही हैं.
prabhavshali panktiyaan .....!!
सुबै 6 बज्यां लाग्यो हो सेँडण नै।ताबै ई नी आवै ही।छेकड़ म्हारी ई तकनीकी गळती लाधी पण ओळमो थां माथै धर दियो।अब ओळमो खत्म ! म्हैँ तो राजी हूं अर थां नै कर लेस्यूं।भलो-क!
ReplyDeleteBhai Madan gopal ladha ji.
ReplyDeleteNAMESKAR
Aap ki mulyam si Dil se likhi kavitaye pdhi.bhut hi payri si legi.mannet, pathshala.or ghar.teeno kavityo mai bhut hi achha proyeg h.kavita woh hi achhi legti jo Aam pathek k liye likhi jaye.Aap n saral or shej rachana di h.khubsurat or mithi kavita k liye Aap ko sadhui-bad.
NARESH MEHAN
राजस्थानी से हिंदी में सुंदर अनुवाद के लिए बधाई ।
ReplyDeletesundar rachanaae, hardik bdhai
ReplyDeleterajuram sharma
नमस्कार गूस्रूजी आपकी कविताऐं अतिव सून्दर एवं रमणीय हैंा
ReplyDeleteमूझे आपका आखर कलश बहूत अच्छा लगा
इसके लिए मेरे और मेरे परिवार की तरुफ से हार्दिक धन्यवाद