किस नयन तुमको निहारू,
किस कण्ठ तुमको पुकारू,
रोम रोम में तुम्ही हो मेरे,
फिर काहे ना तुम्हे दुलारू,
मित्र! तुम्हे मेरे मन की बात बताऊ।
प्रतिबिम्ब मै या काया तुम,
दोनो मे अन्तर जानू,
हाँ, हो कुछ पंचतत्वो से परे जग में,
फिर मै धरा तुम्हे माटी क्यू ंना बतलाऊ,
सुनो! तुम तिलक मै ललाट बन जाऊ,
मित्र! तुम्हे मेरे मन की बात बताऊ।।
बैर-भाव, राग द्वेष करू मै किससे,
मुझ में जीव तुझ में भी है आत्मा बसी,
पोखर पोखर सा क्यूं तू जीए रे जीवन,
जल पानी, जात-पात मे मै भेद ना जांनू,
हो चेतन, तुझे हिमालय, सागर का अर्थ समझाऊ,
मित्र! तुम्हे मेरे मन की बात बताऊ।।।
विलय कौन किसमे हो ये ना जानू,
मेरी भावना तुझ में हो ये मै मानू,
बजाती मधुर बंशी पवन कानो में हमारे,
शान्त हम, हो फैली हर ओर शान्ति चाहूं,
मित्र! तुम्हे मेरे मन की बात बताऊ।।।
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“माँ सरस्वती-शारदा”
ॐ श्री गणेशाय नमः !
या कुंदेंदु तुषार हार धवला, या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणा वरदंडमंडितकरा या श्वेतपद्मासना |
याब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवै सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निश्शेषजाढ्यापहा ||
या कुंदेंदु तुषार हार धवला, या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणा वरदंडमंडितकरा या श्वेतपद्मासना |
याब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवै सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निश्शेषजाढ्यापहा ||
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सम्पादक मंडल
- Narendra Vyas
- मन की उन्मुक्त उड़ान को शब्दों में बाँधने का अदना सा प्रयास भर है मेरा सृजन| हाँ, कुछ रचनाएँ कृत्या,अनुभूति, सृजनगाथा, नवभारत टाईम्स, कुछ मेग्जींस और कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई हैं. हिन्दी साहित्य, कविता, कहानी, आदि हिन्दी की समस्त विधाएँ पढने शौक है। इसीलिये मैंने आखर कलश शुरू किया जिससे मुझे और अधिक लेखकों को पढने, सीखने और उनसे संवाद कायम करने का सुअवसर मिले। दरअसल हिन्दी साहित्य की सेवा में मेरा ये एक छोटा सा प्रयास है, उम्मीद है आप सभी हिन्दी साहित्य प्रेमी मेरे इस प्रयास में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
Sunil gejjani,
ReplyDeleteki kavitaye hamre Aas-pas ki kavita h jise ham rojana dekhte h lakin mahsus nahi kerete h,suni n us bhikari ko dekha or uske merm ko mahsus kiya.sunil Aapne Aas -pas jo ghet reha h us ko sewdo k dawra.bhut hi sunder rechte h.mera Aasirbad h sunil ko ki woh or achha likhe.
NARESH MEHAN
कमाल है........मैं तो निःशब्द हूँ
ReplyDeletesunil saa, aapri rachnaava ghani saavthi ne hivde me laagan vaali chhe. pan mhe in op ri bhasha ro ghano virodhi chhu. mhe in teep re saage aap seti sagla likhaaraa su aa araj karni chaavulaa ke ve in opri bhasha me likhno band kar"r aapaari mayad bhasha me rachaav kar ne in ro bhandaar bhare. aap loga ne koi behm vhela ke vaari rachnaava akhil bhartiya star par saraahi jaave. mhaaro bharoso maano ke jadi aap sagla log mayad bhasha me srijan karola to aapre srajan ri koont vhela. aap jadi hindi re fidu khaate me khataajola to aap ne ki ni milela. aap rajasthani log kyu in re itta heve vhegya mhne thaa ni. hindi raa loontha saahitkaara, ageyay, devki nandan khatri, hari bansh rai bachan, munishi prem chand, ranghey raaghav, rahul saankrtyan, mukti bodh, nirmal verma, dharm veer bharti, raghuveer sahaay, sarveshvar dayal saxena, manohar shyam joshi, vijay dev narayan sahi, laxmikant verma, naresh mehta, ramesh chanra shah kei naam mhe jika paantar gyo chhu. aad sagla ri in paant me ek bhi rajasthani koni. keven ro matlab itto hi ke hindi me likhania rajasthani loga ri hindi vaala do take ri ijjat koni kare. tad the {aap} kyu in re laare padyaa ho? kyu inaa ro bhaar dho reya ho? kyu in ra hethvaal banan ne tyaar vhegya? aap log kyu ni rajasthani ri mool dhaara me aay ne rajasthani me likho? jika loga rajasthani me soch ne fagat rajasthani me ij likhyo vaari pichhan aaj aakhe bharat me ni aakhi jagat biraadari me chhe. rajasthani raa kei likhaaraa raa naav fagat rajasthani re kaaran aakhi jagat biraadari me aapri thaavi thod raakhe. jiya meera baai, prithi raj rathore, surya mal mishran, keshri singh barhath, chandra singh birkaali, kanhaiya lal sethia, megh raj mukul, bheem pandia, vijay dan detha, thakar ram singh, surya shankar pareek, sita ram laalas, bhupati ram saakaria, dr. manohar sharma, rawat saraswat, kishore kalpna kant, rani laxmi kumari chundawat, Dr. narsingh rajpurohit, kavi rewat daan, kaan daan {kalpit} girdhari singh padihar, aad-aad kittahi oru chhe. jina ro naav in list me ni chhe. aaj log inaa ne yaad kare ni kare pan aaj bhi vaare rachyodo maathe chadh ne bole chhe. in re parbaar jika loga rajasthani ne short cut samjhyo ar dovu bhasha me likhta reya. vaa loga ri haalat aaj ni ghar ro ni ghaat ro ri chhe. so aap log kyu ni cheto? mayad bhasha thaane hella de de bakaare. pan the [aap} ghor kyu khench raakhi chhe? maathe me aa opri bhasha ri raakh kyu ghaal raakhi chhe. aapaa ra badera rajnetaava jiki bhool kari un ne kyu ni sudhaaro? in beran ro paapo kaato? in su laaro chhodaavo. ni to aavan vaali peedhi thaane kadei maaf ni karela.aas raakhu ke aap log mhaari in araj par dhyaan dharolaa. ek minakh vhe to galo toomp du. ek sanstha vhe to un re laampo lagaa du. pan ghar-ghar dera naakhyodi in daakan su kikar nivdu? kin kin re khoon su mhaaraa haath rangu?
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